आचरण – चरित्र
Conduct – Character
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जो बातें विचार पर छोड़ दी जाती हैं, वे कभी पूरी नहीं होतीं।
हरिभाऊ
मनुष्य जब एक बार पाप के नागपाश में फंसता है तब वह उसी में और लिपटता जाता है, उसी के गाढे आलिंगन में सुखी होने लगता है। पापों की श्रृंखला बन जाती है। उसी के नएनए रूपों पर आसक्त होना पड़ता है।
अज्ञात
जो आदमी कोई गलती नहीं कर पाता, वह आमतौर पर कुछ नहीं भी नहीं कर पाता।
जान पर्सा
मौन बातचीत की एक महान कला है।
हैजलिट
जो अपने को बुद्धिमान समझता है, वह बड़ा बेवकूफ है।
वाल्टेयर
बातचीत का पहला अंश है सत्य, द्वितीय सुंदर समझबूझ, तृतीय सुंदर विनोद और चतुर्थ वाक्चातुर्य।
सर डब्ल्यू टेमिनल
जो मनुष्य तौलकर बात नहीं करता है, उसे कठोर बातें सुननी पड़ती है।
साही
विचार का चिराग बुझ जाने पर आचार अंधा हो जाता है।
विनोबा भावे
अंधानुकरण से आत्मविश्वास के बजाय आत्मसंकोच ही पैदा होता है।
महर्षि अरविंद
दुनिया में हर आदमी विजयी नहीं हो सकता। विजयी वही होता है जो विजयी होने का साहस रखता है।
जवाहरलाल नेहरू
कोई कितना ही महान क्यों न हो, उसके पीछे अंधे होकर न चलें।
स्वामी विवेकानंद
खेल में सदा हम ईमानदारी का पल्ला पकड़कर चलते हैं, पर अफसोस कि कर्म में इस ओर ध्यान तक नहीं देते।
रस्किन
तम सच्ची दिशा में काम करो, बस इतना ही काफी है।
इमर्सन
जिस क्षण हम कोई पाप करते हैं, उसी क्षण दंड के बीज भी बो देते हैं।
हैसियड
जहां पवित्रता है, वहां निर्भयता हो सकती है।
महात्मा गांधी
तुम्हारी इच्छाएं तुम पर हावी हों, इससे बेहतर है कि तुम उन पर हावी हो।
टाइरियस मैक्सीयस
भाषा मानव मस्तिष्क का अस्त्रागार हैं, इसमें अतीत के विजयचिह भी है और भावी विजयों के अस्त्र भी।
एच. डेली
मनुष्य जिस समय पशु तुल्य आचरण करता है उस समय वह पशुओं से भी नीचे गिर जाता है।
रवींद्रनाथ ठाकुर
बड़ों की समता हम अत्यंत विनीत होकर ही कर पाते हैं।
रवींद्रनाथ ठाकुर
यद्यपि शत्रु से प्रेम करने के लिए आप बाध्य है, पर शत्रु के हाथ में तलवार दे देने के लिए आप बाध्य नहीं हैं।
डॉ. टॉमस फुलर
चिरस्थायी और सच्चे फल पाना हो तो हमें पहले निडर जरूर बनना होगा।
महात्मा गांधी
जो इच्छाओं से मुक्त है, वह न दःख जानता है, न भय।।
बुद्ध
कार्य में कुशलता ही योग है।
श्री कृष्ण
जीवन एक खान है, जिसमें हम एक पूर्ण चरित्र का निर्माण करते हैं।
गेटे
अच्छा दिल सोने के मूल्य का होता है।
शेक्सपीयर
व्यक्तित्व सभी अच्छाइयों का आधार है।
रिचर
नेकी का उपहार नेकी है।
इमर्सन
अपने आत्मविश्वास और चरित्र के बल पर एक साधनरहित व्यक्ति भी महान सफलता प्राप्त कर सकता है।
स्वेट मार्डेन
मनोवृत्ति का परिवर्तन ही हमारी असली विजय है।
प्रेमचंद
सबसे संपन्न व्यक्ति वह है जो आवश्यकताओं को कम करता है. बाहरी वस्तुओं पर कम निर्भर रहता है।
साहवी कनकी
अनसूया, क्षमा, शांति, संतोष, प्रिय वाणी तथा काम क्रोध का त्याग ये श्रेष्ठ आचरण के लक्षण हैं।
वाल्मीकि
प्रार्थना आत्मशुद्धि का साधन है। यह विनम्रता को आमंत्रण देती है।
महात्मा गांधी
बुरे आचरण वाली माता भी शत्रु होती है।
चाणक्य
संतोष से बढ़कर कोई सुख नहीं।
चाणक्य
अपने शत्रु से भी प्रेम करो।
ईसा मसीह
स्पष्ट कहने वाला छली नहीं होता।
चाणक्य
चरित्र वृक्ष है और प्रतिष्ठा छाया।
लिंकन
क्रोध आए तो मुंह बंद रखें ताकि क्रोध को बढ़ने का अवसर ही न मिले।
स्वेट मार्डेन
क्रोध को अक्रोध से जीते, दुष्ट को भलाई से जीतें, कृपण को दान से जीतें और झूठ बोलने वाले को सत्य से जीते।
धम्मपद
अगर हम गिरते हैं तो अच्छी तरह चलने का रहस्य सीख जाते हैं।
महर्षि अरविंद
मूर्खता सदा कष्टदायक ही होती है। इसी तरह जवानी से भी कभी सुख की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए। इन दोनों से भी अधिक कष्टदायक होता है किसी दूसरे के घर में निवास करना और किसी पर आश्रित होना।
चाणक्य
अपने पद या स्थान पर इठलाना, अपने को उससे नीचे दिखलाना है।
स्टर्न
प्रसन्नता तो चंदन हैदूसरे के माथे पर लगाइए तो आपकी अंगुलियां अपनेआप महक उठेगी।
अज्ञात
गुणों का विकास एकांत में होता है और चरित्र का निर्माण संसार के भीषण कोलाहल में होता है।
गेटे
उत्तम चरित्र ही निर्धन का धन है।
अज्ञात
यदि तुम अपनी आय से कम में निर्वाह कर सकते हो तो निश्चय जानो कि तुम्हारे पास पारस पत्थर है।
महात्मा गांधी
ईमानदारी से किया गया परिश्रम सफलता को और समीप ला देता है।
अज्ञात
दुःखी पर दया दिखाना मानवोचित है उसके दुःख का निवारण करना देवोचित है।
होरेस
उपदेश वाणी से नहीं आचरण से करो।
अज्ञात
खुशी को हम जितना लुटाएंगे उतनी ही वह बढ़ेगी।
विकटर ह्यूगो
आप दुनिया के सबसे महान् पुरुष हैं पर एक ही दुर्गुण उसे ढंके हुए हैं। वह है सादगी को व्यवहार में न लाना।
पं. श्रीराम शर्मा आचार्य
आय से अधिक खर्च करने वाले तिरस्कार सहते और कष्ट भोगते हैं।
पं. श्रीराम शर्मा आचार्य
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बलवान होने में बड़प्पन नहीं, अपितु बल का सदुपयोग करने में बड़प्पन
एच.डब्ल्यू.बीचर
जो वदा को जानता है वो अपनी तारीफ खुद नहीं करता।
अली
प्रत्येक व्यक्ति की अच्छाई ही लोकतांत्रिक शासन की सफलता का मूल सिद्धांत है।
राजगोपालाचारी
हर व्यक्ति को सुबह से शाम तक एक कीड़े के समान अपना काम करना चाहिए।
स्वामी विवेकानंद
लक्ष्मी उन लोगों के लिए वरदान है जो उसे दूसरों के लिए वरदान बना देते हैं।
फील्डिंग
एक बुराई दूसरे को जन्म देती है।
शेक्सपीयर
दुनिया का काम आपसी संबंधों से चलता है। अगर हम किसी से खिंचे हूँ तो कोई कारण नहीं कि वह भी हम से खिंचा न रहे।
प्रेमचंद
किसी भी समस्या के विकराल बनाने से पहले ही उसकी पहचान कर लेने की योग्यता भी नेतृत्व की परीक्षा में से एक है।
आर्नोल्ड ग्लास्गो
अति अभिमान, बहुत बोलना, त्याग का अभाव, क्रोध, आत्मपोषण की इच्छा और मित्रद्रोह ये छः कारण हैं जिनसे पुरुष पूर्ण आयु तक जीवित नहीं रहता है।
महात्मा विदुर
कीर्तिमान मनुष्यों के लिए कीर्तिनाश की अपेक्षा मृत्यु कहीं श्रेयस्कर है।
गीता
संसार में रहो, किंतु संसार के मायामोह से निर्लिप्त रहो, उसी प्रकार जिस प्रकार कमल कीचड़ में विकसित होता है, तथापि वह कीचड़ के स्पर्श से परे रहकर सदैव निर्मल बना रहता है।
स्वामीजी
सदा अपने काम से काम रखो, व्यर्थ के विवाद में न पड़ो।
संत काशीराम
जो कर्ज आप पर है, उसे चुका दीजिए और तब आपको पता चलेगा कि आपके पास अपना क्या है।
बेंजामिन फ्रेंकलिन
जीतने वाले कोई अलग काम नहीं करते, वे हर काम अलग ढंग से करते हैं।
शिव खेड़ा
यश की प्राप्ति भले ही न हो किंतु अपयश होना उचित नहीं है।
राजशेखर
चापलूसी करना बहुत से लोग जानते हैं, लेकिन प्रशंसा करना किसीकिसी को ही आता है।
अज्ञात
अपना हृदय पवित्र रखोगे तो दस प्राणियों की ताकत रखोगे।
रामकृष्ण परमहंस
जब मनुष्य अपने अंदर युद्ध करने लगता है तब वह अवश्य ही किसी योग्य होता है।
राबर्ट ब्राउनिंग
डूबने वाले के साथ सहानुभूति का अर्थ यह नहीं कि उसके साथ डूब जाओ, बल्कि तैरकर उसे बचाने का प्रयास करो।
विनोबा भावे
जो व्यक्ति दूसरों के गुप्त भेद तुम्हारे सामने प्रकट करे, उसे अपने गुप्त भेदों से अवगत न होने दो, क्योंकि जो व्यवहार वह दूसरों के साथ कर रहा है वही तुम्हारे साथ करेगा।
हजरत अली
दुर्वचन पशुओं तक को अप्रिय है।
भगवान बुद्ध
समस्त आचरणसिद्धांत का मूल तत्त्व है कि जो आचरण चिन्मुख है, वह श्रेष्ठ है।
हजारीप्रसाद द्विवेदी
एक आदमी दूसरे के मन की बात जान सकता है तो केवल सहानुभूति और प्यार से, उम्र और बुद्धि से नहीं।
शरतचंद्र
जब कोई आदरणीय व्यक्ति अपने यहां आएं तो कुछ दूर आगे बढ़कर उनका स्वागत करना चाहिए और जब वे वापस जाने लगें तो हमें कुछ दूर आगे चलकर उन्हें पहुंचाना चाहिए।
स्वामीजी
जो लोग कहते कुछ और हैं और करते कुछ और हैं, उनसे मेरा जी जलता है, क्योंकि उनके कहने और करने का कुछ ठिकाना नहीं है।
दादू
जिम्मेदार और गलत होने से बेहतर तो शायद गैरजिम्मेदार और सही होना ही है।
विंस्टन चर्चिल
योग्य मनुष्यों के आचरण का सौंदर्य ही उनका वास्तविक सौंदर्य है।
तिरुवल्लुवर
सदाचार अपनाने से आयु और बल की वृद्धि होती है।
चाणक्य
फूल खिलने दो, मधुमक्खियां अपनेआप उसके पास आ जाएंगी। चरित्रवान बनो, जगत अपनेआप मुग्ध हो जाएगा।
रामकृष्ण परमहंस
ऊंचा आदर्श क्षुद्र, स्वार्थी और मूढ़ग्राहों को भुलावा देता है।
संपूर्णानंद
महान आदर्श महान मस्तिष्क का निर्माण करते हैं।
इमन्स
जो पुरुष अपने सुख में प्रसन्न नहीं होता दूसरे के दुःख में प्रसन्न नहीं होता और दान देने के बाद संताप नहीं करता है, उसे ही उत्तम पुरुष की संज्ञा दी गई है।
महात्मा विदुर
धोखाधड़ी करने वालों को अंत में पछताने और शर्मिंदा होने के अलावा कुछ हाथ नहीं आता है।
जी बेली
जो जान गया है कि उससे गलती हो गई है और फिर भी वह उसे नहीं सुधारता है तो वह एक और गलती कर रहा है।
कन्फ्यूशियस
अगर किसी दस्तावेज पर अंकित वायदे नहीं निभाए जाते हैं तो उस दस्तावेज का कोई मूल्य नहीं है। उसे फाड़कर फेंक देना चाहिए।
महात्मा गांधी
अपने जीवन का एक लक्ष्य बनाओ और अपनी शारीरिक व मानसिक शक्ति उसमें लगा दो।
कार्लाइल
शब्द के द्वारा मन पर विजय पाई जाती है और व्यक्ति मोक्ष पाता है तथा गृहस्थ सुखलाभ।
गुरु नानक देव
फल आने पर पक्षी विनम्र हो जाते हैं और जल से मेघ धरती पर लटक आते हैं, सज्जन समृद्धि से विनम्र हो जाते हैं—यही परोपकारियों का स्वभाव है।
भर्तृहरि
बोलो मत, करके दिखाओ; घोषित मत करो, महसूस करो।
महर्षि अरविंद
हमारी इच्छाएं जितनी ही कम हों, उतने ही हम देवताओं के समीप हैं।
सुकरात
चरित्र दो वस्तुओं से बनता है, अपनी विचारधारा से और समय बिताने के ढंग से।
हर्बर्ट
एक छोटेसे परिहास से भी मानव के असली चरित्र पर काफी प्रकाश पड़ता है।
प्लूटार्क
चरित्र एक ऐसा हीरा है जो अन्य सभी पाषाणखंडों को काट देता है।
वाल्टेयर
अच्छी दवा चाहे वह कड़वी ही क्यों न हो, रोग को दूर कर देती है। सहृदयतापूर्ण सलाह चाहे वह कटु ही क्यों न हो, हमारा पथप्रदर्शन करती
लुई फिशर
पानी पीने में पात्र का विचार रखा जा सकता है, पानी पीना ही बंद कर दिया जाए, यह नहीं हो सकता।
सर्वदानंद
किसी के हृदय पर पूर्ण विजय करनी हो तो उसके दुःख के दिनों में । उसकी सहायता करनी चाहिए।
आनंद कुमार
एक आदर्श संन्यासी होने की अपेक्षा एक आदर्श गृहस्थ होना अधिक कठिन है।
स्वामी विवेकानंद
मनुष्य अकेले अकेले काम करके संतोष और हर्ष को तो प्राप्त कर सकता है परंतु काम से आनंद तभी हाथ लग सकता है जब उसको दूसरों के सहयोग से किया जाए।
वृंदावनलाल वर्मा
यदि परमेश्वर नहीं है तो हमें स्वयं परमेश्वर गढ़ लेना चाहिए, क्योंकि उसका भय मनुष्य को उचित मार्ग पर चलाने में सहायक होता है।
यशपाल
जिस मनुष्य के साथ तुमने भलाई की है उसको सुखी देखकर तुम्हारा प्रसन्न होना ही तुम्हारी भलाई का पुरस्कार है।
शेख सादी
महत्ता के सुमन में नम्रता की सुगंध ही शोभा पाती हैं।
भर्तृहरि
यदि आप सफलता प्राप्त करने के लिए अपनी भावनाओं और इच्छाशक्ति को प्रबल बनाना चाहते हैं तो क्रोध, चिड़चिड़ापन, ईष्र्या, निराशा, मानसिक खिन्नता और चिंता को अपने पास न फटकने दें।
स्वेट मार्डेन
परिस्थितियां बदलने से चरित्र का दोष दुरुस्त नहीं हो जाता।।
इमर्सन
जहां नम्रता से काम निकल जाए, वहां उग्रता नहीं दिखानी चाहिए।
प्रेमचंद
धमकी देने वाला सदा कायर होता है। शक्तिमान पुरुष कभी धमकी नहीं देता, वह तो जो चाहता है करके दिखा देता है।
बर्नार्ड शॉ
रिश्वत लेकर एक सच्चे आदमी का वोट खरीद लेने के लिए सारे संसार की संपत्ति भी अपर्याप्त है।
सेंट ग्रेगरी
मजदूर को उसका मेहनताना उसके पसीना सूखने से पहले दे दें।
हजरत मोहम्मद
थके हुए दिल को खुश करने और दुःखी व्यक्ति के कष्ट दूर करने को विशिष्ट पुरस्कार मिलता है। आफत के दिनों में ऐसे काम की याद प्रचंड धारा के समान आती है और हमारे बोझ को बहाकर ले आती है।
हजरत मोहम्मद
कौनसे काम सबसे बेहतरीन हैं? एक आदमी के दिल को खुश रखना, भूखों को खिलाना, मुसीबत में पड़े हुए की मदद करना, दुःखी व्यक्ति के दुःख को हल्का करना और पीड़ित व्यक्तियों पर हुए अत्याचारों को दूर करना।
हजरत मोहम्मद
किसी भी मादक द्रव्य का पान न करो, क्योंकि सभी बुरे कार्यों की जड़ में यह मादकता होती है और गुनाह करने से सावधान रहो।।
श्रीराम शर्मा
हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि हम सभी संसार के ऋणी हैं, संसार हमारा कुछ नहीं चाहता। हम सबके लिए यह तो एक महान सौभाग्य है कि हमें संसार के लिए कुछ करने का अवसर मिले। संसार की भलाई करने में हम वास्तव में अपनी भलाई करते हैं।
स्वामी विवेकानंद
अपनी सफाई बहुत कम पेश करनी चहिए। यदि आपका चरित्र स्वयं अपना बचाव नहीं कर सकता तो यह बचाने लायक है भी नहीं।
एफ. रॉबर्टसन
चरित्र की गिरावट ही हर अपराध की जिम्मेदारी है।
अज्ञात
चरित्र दो चीजों से बनता है आपकी विचारधारा से और आपके अपना समय बिताने के ढंग से।
हेवर्ड
बोलने, न बोलने से मौन का कोई वास्ता नहीं है। मौन का वास्ता तो है। निर्विचार दशा से और वह अंतर्दशा बोलने से भी भंग नहीं होगी।
आचार्य रजनीश
फूल अपने लिए नहीं खिलता। दूसरों के लिए तुम भी अपने हृदय कुसुम को प्रस्फुटित कर देना।
बंकिमचंद्र
फूल खिलने दो, मधुमक्खियां अपनेआप आपके पास आ जाएंगी। चरित्रवान बनो, जगत अपनेआप मुग्ध हो जाएगा।
रामकृष्ण परमहंस
जो हाथ लोगों की सेवा करते हैं वह उस मुंह से कहीं बेहतर हैं जो सिर्फ दुआ करते हैं।
शिव खेड़ा
मानवचरित्र कितना रहस्यमय है। हम दूसरों का अहित करते जरा भी नहीं झिझकते, किंतु जब दूसरों के हाथों हमें कोई हानि पहुंचती है तो हमारा खून खौलने लगता है।
प्रेमचंद
भगवान शारीरिक क्रिया से नहीं मिलते। भगवान को पाने के लिए भावना के अनुसार आचार होना चाहिए।
महात्मा गांधी
उत्तम व्यक्ति शब्दों में सुस्त और चरित्र में चुस्त होता है।
कन्फ्यूशियस
यदि नेता चरित्रवान नहीं है तो अनुयायियों में उसके प्रति श्रद्धा होना संभव नहीं है। शुद्ध चरित्र के आधार पर ही अटूट श्रद्धा और विश्वास पाया जा सकता है।
स्वामी विवेकानंद
शेर के अंदर भी परमात्मा विराजमान है, पर उसके सामने नहीं जाना चाहिए। दुष्ट मनुष्यों में भी ईश्वर मौजूद है, पर इसलिए उनका साथ करना उचित नहीं।
रामकृष्ण परमहंस
आचरण दर्पण के समान है। इसमें हर किसी का वास्तविक प्रतिबिंब दिखाई पड़ता है।
प्रेमचंद
अगर तुम सबको खुश रखना चाहते हो तो बुरी आदतों को छोड़ो।
अज्ञात
लोग क्या कहते हैं, इस पर ध्यान मत दो। सिर्फ यह देखो कि जो योग्य था, वह बन पड़ा या नहीं।
अज्ञात
किसी व्यक्ति की महानता की परख यह है क अपने से छोटे के लिए क्या सोचता और क्या करता रहा?
अज्ञात
जो पवित्र नहीं, उदार नहीं, उसका जपतप निरर्थक है।
अज्ञात
जिनकी तुम प्रशंसा करते हो, उनके गुणों को अपनाओ और स्वयं भी प्रशंसा के योग्य बनो।
अज्ञात
दिनभर के दुराचारों तथा बुरी आकांक्षाओं से अलग रहना रातभर के भजन से अच्छा है।
अज्ञात
शील द्वारा चरित्र का निर्माण होता है, शील हमारी गति के लिए संबल है।
रवींद्रनाथ ठाकुर
जो दूसरों के जीवन के अंधकार में सूर्य का प्रकाश पहुचाते हैं उनकी कीर्ति कभी नष्ट नहीं होती।
स्वेट मार्डन
सत्पुरुष दुःख पड़ने पर नहीं घबराते, ऐश्वर्य पाकर गर्व नहीं करते. भय में भी धीर बने रहते हैं तथा अनुकूल और प्रतिकूल स्थितियों में समान स्वभाव रखते हैं।
हाल सातवाहन
चंद्रमा अपना प्रकाश सारे आकाश में फैलाता है, परंतु अपना कलंक अपने ही भीतर रखता है।
रवींद्रनाथ ठाकुर
रूखी, कठोर और कटु वाणी सुनने वाले के मर्मस्थलों, हड्डियों और दिल को जला डालती है।
विदुर
जनधन, यौवन का गर्व मत करो, क्षण मात्र में काल सब कुछ नष्ट कर देता है।
आदि शंकराचार्य
अपने पड़ोसियों के साथ हमेशा भाईचारे और हमदर्दी का सलूक करना चाहिए।
कबीर
अपनी आवश्यकताएं कम से कम रखें, ताकि जीवन का निर्वाह सहज रूप से होता रहे।
महात्मा गांधी
अच्छी नसीहत मानने से अपनी ही योग्यता बढ़ती है।
गेटे
जिस दिन आप पहली बार खुद पर हँसते हैं, उसी दिन आप वयस्क हो जाते हैं।
ईगल बेट्टीमोर
मानवचरित्र न तो बिल्कुल स्याह होता है और न सफेद। अनुकूल स्थितियों में नीचे गिर जाता है।
प्रेमचंद
दूसरों के सामने अपनी श्रेष्ठता प्रकट करना उसी के लिए संभव है जो भीतर से श्रेष्ठ है।
अज्ञात
जिन दोषों के कारण हम दूसरों की भर्सना करते हैं, उनसे अपनी सफाई पहले कर डालें।
अज्ञात
कपटरहित हृदय ही प्राणी मात्र पर दया करते हैं।
अज्ञात
जो उपदेशों के अंबार लगाते रहते हैं, प्रायः निज के जीवन में खोखले होते
अज्ञात
जो विचार हमारे अचेतन मन को प्रभावित करता है, वही चरित्र को सुधार सकता है।
अज्ञात
जो छोटों पर दया नहीं करते, उन्हें बड़ों से दया मांगने का अधिकार नहीं
अज्ञात
आत्मगौरव नष्ट करके जीना मृत्यु से भी बुरा है।।
अज्ञात
ऋण लेने का स्वभाव दरिद्रता को निमंत्रण देता है।
अज्ञात
अपने स्वार्थ से पहले दूसरों के लाभ का भी ध्यान रखना चाहिए।
अज्ञात
छोटेछोटे प्रलोभनों का आकर्षण चरित्र को गिरा देता है।
अज्ञात
दुनिया में झगड़ों की जड़ यही है कि हम देते कम हैं और मांगते ज्यादा हैं।
अज्ञात
लोकसेवा के लिए हम अपने संपर्कक्षेत्र में उत्कृष्टता की आस्थाओं का बीजारोपण करें।
अज्ञात
छिद्रान्वेषण की वृत्ति अपने अंदर हो तो संसार के सभी मनुष्य दुष्टदुराचारी। दिखाई देंगे।
अज्ञात
अनौचित्य की अवज्ञा पारिवारिक संबंधों और मर्यादाओं से महत्त्वपूर्ण है।
अज्ञात
यदि कुछ लेना चाहते हो तो कुछ देना सीखो।।
सुभाषचंद्र बोस
जिनमें सन्मार्ग पर चलने का साहस है, उनका कभी पतनपराभव नहीं होता।
अज्ञात
परिपूर्ण आनंद तो वह है जो हम दूसरों को देते हैं।
अज्ञात
एक निष्कपट व्यक्ति का आत्मबलिदान उन लाखों व्यक्तियों के बलिदान की अपेक्षा लाख गुना शक्तिशाली है जो दूसरों के प्राण लेते हुए अपनी जान देते हैं।
अज्ञात
जो स्वयं को सुधारता है उसने दूसरों को सुधारने के लिए बहुत कुछ कर
टॉमस ऐडम्स
अक्लमंदी यह है कि हम उस खुदा की बातें कम करें, जिसे हम समझ नहीं सकते और उन इंसानों की बातें अधिक करें, जिन्हें हम समझ सकते।
खलील जिब्रान
अपना रखा हुआ कदम ठीक होगा, तो उसका आज या कल अच्छा फल
होगा ही।
महात्मा गांधी
शरारत करने के अवसर दिन में असंख्य मिलते हैं नेकी करने का अवसर वर्ष में एक बार।
वाल्टेयर
जब तुम अपने जीवन की गहराइयों तक पहुंच जाओगे, तब तुम्हें मालूम होगा कि न तो तुम पापियों से ऊंचे और श्रेष्ठ हो और न अवतारों से नीचे और कम हो।
खलील जिब्रान
एक कार्य को बो दो और एक आदत प्राप्त कर लो, एक आदत को बो दो और एक चरित्र प्राप्त कर लो, एक चरित्र को बो दो और एक भाग्य प्राप्त कर लो ।।
जी.डी. वार्डमेन