ना तो बिका हूँ ना ही कभी बिक पाऊंगा.. ये ना समझना मै भी हज़ारो जैसा हूँ..
मुझे ही नहीं रहा शौक़ -ए मोहब्बत, वरना तेरे शहर की खिड़कियाँ इशारे अब भी करती हैं..
अब सज़ा दे ही चुके हो तो मेरा हाल ना पूछना, अगर मैं बेगुनाह निकला तो तुम्हे अफ़सोस बहुत होगा..
सिकंदर तो हम अपनी मर्जी से है, पर हम दुनिया नहीं दिल जितने आये हे..
दूर जा रहे हो तो सोंक से जाना, बस इतना याद रखना, पीछे मुड़ने के देखने की आदत ईधर भी नही हे..
मैं तेरे नसीब की बारिस नहीं जो तुज पे बरस जाऊ.. तुझे तक़दीर बदल नि होगी मुझे पाने के लिए..
वो खुद पर गरूर करते है, तो इसमें हैरत की कोई बात नहीं! जिन्हें हम चाहते है, वो आम हो ही नहीं सकते..
तू जिद हे इस दिल की, वरना इन आँखो ने, और भी हसीन चेहरे देखे हे..
मेरे बारे में इतना मत सोचना, दिल में आता हु, समज में नही..
बन्दा खुद की नज़र में सही होना चाहिए.. दुनिया तो भगवान से भी दुखी..